कुछ कह रही हैं आप के सीने की धड़कनें
मेरा नहीं तो दिल का कहा मान जाइए
~क़तील शिफ़ाई
मोहब्बत में ज़रा सी बेवफ़ाई तो ज़रूरी है
वही अच्छा भी लगता है जो वादे तोड़ देता है
~ वसीम बरेलवी
कह दो इन हसरतों से कहीं और जा बसें
इतनी जगह कहाँ है दिल-ए-दाग़दार में
~बहादुर शाह ज़फ़र
छोड़ना है तो न इल्ज़ाम लगा कर छोड़ो
कहीं मिल जाओ तो फिर लुत्फ़ -ए -मुलाक़ात रहे
~माधव राम जौहर
आई है कुछ न पूछ क़यामत कहाँ कहाँ
उफ़ ले गई है मुझको मोहब्बत कहाँ कहाँ
~फ़िराक़ गोरखपुरी
गुलाब जिस्म का यूँ ही नहीं खिला होगा
हवा ने पहले तुझे फिर मुझे छुआ होगा
~ शहरयार